Wednesday, February 25, 2009

मजनूं दिवस क्यो नहीं

प्यार का इज़हार तो सभी करते हैं। प्यार का इनकार भी तो कम नही। वियोग से ही प्यार की जीत है। ज़रा पप्पू की सोचिये प्यार में प्यार में फेल हो गया। बहुतो को गुलाब के फूल दिए लौट आए। किसी ने नही कहा हैप्पी valentines डे। क्या करें ? फूल के इंतजार में उम्र बीत गयी। नही बीती तो बीत जायेगी। हैप्पी valentines डे या वैरी सेड डे।
दुनिया में अगर सब कुछ अच्छा होता तो कोई मुकेश को क्यों याद करता। सब किशोर दा की तरह खिलखिलाते.valentines डे के खत्म होने के बाद एक दिन उन प्रेमियों के लिए छोड़ देना चाहिए jinki तथाकथित महबूबा ने उन्हें मना कर दिया। इस दिवस का नाम वियोग दिवस ठीक रहेगा। लोग इस दिन तरह-तरह के रूमाल उसे उपहार में देंगे ताकि वह अपने आंसू pochha सकें। अखबार के पन्ने मनोवैज्ञानिकों की सलाह से भरे होंगे.मनोवैज्ञानिक सलाह देंगे की ऐसे समय असफल प्रेमी या प्रेमिका के लिए सबसे ज़्यादा ध्यान देने के लिए क्या-क्या ज़रूरी कदम उठाये जायें। टीवी चैनल पर एक-दो घंटे का विशेष आयोजन किया जाएगा। जिसमे तमाम samajshasatri और मनोवैज्ञानिक बहस करते नज़र आयेगे। असफल प्रेमी फ़ोन लाइन के ज़रिये अपना दर्द बयां करेंगे। उन्हें बेहतर जीवन के लिए टिप्स मिलेगी। उनकी पहचान गुप्त रखी जायेगी। अखबारों और चैनलों में डाटा देने की होड़ मचेगी की किस जगह कितने प्रेमी असफल रहें, उनमे से कितनो ने खुदकुशी की कोशिश की और कितने.... कुछ लोग इसमे वेशेशंक निकालेंगे.अच्छी कहानियो को तरस रहें बॉलीवुड k एक नै थीम मिल जायेगी। फ़िल्म का नाम आज का देवदास या फिर हम फूल दे चुके सनम जैसा ही कुछ होगा। दिरेक्टोर्स में इस बात की होड़ लगेगी की कौन पहले मजनू की कहानी पर फ़िल्म बनता है। बॉक्स ऑफिस पर फ़िल्म को ज़बरदस्त ओपनिंग मिलेगी। अगर कोई मजनूं का नाता किसी राजनीतिक पार्टी से हुआ तो गज़ब ही हो जायेगा। उसके समर्थन में जुलुस निकाला जायेगा.नेता स्टेटमेंट देंगे की यह विपक्ष की चल है। पुतले फूके जायेंगे, रैलियां होंगी, त्याग पत्र तक मांग लिए जायेंगे.कुछ लोग धरने पर बैठेंगे कुछ अनशन पर। विपक्ष इसे मुद्दा बनायेगे.चुनाव में कुछ पार्टिया प्यार में हरे हुए मजनूं के लिया टिकेट मांगेगी। पुलिस रेलवे लाइन, नदी के पूलों पर सुरक्षा कड़ी कर होगी। उनेहे इस बात का आर्डर पास होगा की कोई भी प्रेमी रेल से काटकर नही मरे।
अगर कोई अनहोनी हो गई तो मजनों की प्रतिमा लगा दी जायेगी और उस दिन को मजनों दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

3 comments:

  1. aap kis shreni mein ate hain janab , asafal yaa safal.....ha ha ha ha ....good concept n my heartiest congratulations for tarkash ka teer .

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  2. accha laga. likhtey raho. comments per mat jao. tippri tankar nahi rok saktey. jivan m shabd hi amar hotey hai.

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